संस्था को दिया गया दान आयकर की धारा 80G के तहत कर मुक्त है।
बंधुवर / प्रियजन,
।। सादर जय श्री राम ।।
आप संस्था श्री राम नाम विश्व बैंक समिति द्वारा चलाए जा रहे अभियान (राम नाम सेवा लेखन सेवा, संत महात्माओं एवं जरूरतमन्दों को भोजन / भंडारा, तथा विश्व का सबसे बड़ा श्री रामनाम संग्रहाल निर्माण आदि में दान देकर आयकर की धारा 80 G के तहत छूट प्राप्त कर सकते है।
आपके द्वारा किए गए इस नेक कार्य में सहयोग से आपके कई जन्मों के पाप नष्ट हो जाएंगे व आपका और आपकी पीढ़ियों का भविष्य उज्जवल होगा। क्योंकि कलयुग में दान का महत्व है और दान यदि अच्छे कार्यों में दिया जाए तो कलयुग में उसका फल कई गुना ज्यादा मिलता है।
***दान की महिमा क्या है ?
दान हमेशा फलता है और व्यक्ति को सुख-संपत्तिवान और वैभवशाली बनाता है। कई धनवान व्यक्ति दान की महत्ता समझते हैं। इसलिए वे लाखों-करोड़ों का दान करते हैं। दान की भावना प्रत्येक व्यक्ति के मन में होनी चाहिए।
***दान देने का क्या महत्व है ?
दान करना बहुत ही पुण्य का काम माना जाता है। सनातन धर्म में सदियों से ही दान की परंपरा रही है। आज भी लोग मन की शांति, मनोकामना पूर्ति, पुण्य की प्राप्ति, ग्रह-दोषों के प्रभाव से मुक्ति और भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दान करते हैं।
***गीता के अनुसार दान क्या है ?
“दान देना ही कर्तव्य है” – इस भाव से जो दान योग्य देश, काल को देखकर ऐसे (योग्य) पात्र (व्यक्ति) को दिया जाता है। जिससे प्रत्युपकार की अपेक्षा नहीं होती है, वह दान सात्त्विक माना गया है।
***दान देने का क्या फल मिलता है ?
दान एक ऐसा कार्य है जिसके जरिए हम न केवल धर्म का ठीक ठीक पालन कर पाते हैं बल्कि अपने जीवन की तमाम समस्याओं से भी निकल सकते हैं। आयु रक्षा और सेहत के लिए तो दान को अचूक माना जाता है। जीवन की तमाम समस्याओं से निजात पाने के लिए भी दान का विशेष महत्व है। दान करने से ग्रहों की पीड़ा से भी मुक्ति पाना आसान हो जाता है।
***दान के बारे में कृष्ण क्या कहते हैं ?
” तुमने जो धन उचित रीति से कमाया है, उसमें से दसवां भाग निकालो और अपना कर्तव्य समझकर उसे दान में दे दो। अपना दान भगवान की प्रसन्नता के लिए समर्पित करो।” इस श्लोक में श्रीकृष्ण द्वारा बताए गए कारकों के अनुसार दान को उचित या अनुचित, श्रेष्ठ या निकृष्ट के रूप में वर्गीकृत किया गया है।
***दान क्या गुण है ?
जब हम दान बिना किसी स्वार्थ के करते हैं तो उस सुख का अनुभव हमें आत्मसंतुष्टि देता है। शास्त्रों में दान का विशेष महत्व बताया गया है। इस पुण्य कार्य से समाज में समानता का भाव बना रहता है और जरूरतमंद व्यक्ति को भी जीवन के लिए उपयोगी चीजें प्राप्त हो जाती हैं। जरूरतमंद के घर जाकर दिया दान उत्तम होता है।
अतः आप सनातन धर्म की रक्षा के लिए, राम नाम प्रसार के लिए, श्री राम नाम संग्रहालय के लिए, संत महात्माओं की सेवा भोजन भंडारे आदि के लिए संस्था को दिल खोलकर दान कर सकते है।