जय श्री राम
गोस्वामी तुलसीदास जी ने श्री रामचरितमानस में लिखा है कि
राम नाम सो कल्पतरु, कली कल्याण निवासु ।
जो सुमिरत भयो भांग ते, तुलसी तुलसीदासु ।।
अर्थात भगवान राम का नाम इतना महान है कि राम नाम जपने मात्र से प्रभु ने “भांग के समान तुलसीदास को भी तुलसी के समान पवित्र बना दिया।” इसका अर्थ है कि जो कुछ भी नहीं होता है। वह श्री राम नाम की कृपा से बहुत कुछ बन जाता है। इसलिए इस कलिकाल में राम नाम का बहुत बड़ा महत्व है।
इक्यावन लाख करोड राम नाम भेजा अयोध्या |
क्योंकि जब हम राम नाम का लेखन कर रहे होते हैं। तब राम नाम लिखते हुए हम शारीरिक, मानसिक और आत्मिक रूप से सिर्फ और सिर्फ राम के कार्य में लगे होते हैं जो कि इस कलयुग में 100 गुना पुण्य को प्रदान करने वाला है इसलिए राम नाम का लेखन अति आवश्यक होता है। ताकि आप अन्दर से असीम शांति को महसूस कर सकें।